औरैया मोर्चा
सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. और साथ ही साथ नन्हें बच्चों के भविष्य साथ खिलवाड़ कर रही है. सरकार बदले की भावना से कार्य कर रही है. अगर सरकार चाहती तो अब तक ये भर्ती हो चुकी होती, सरकार शिक्षक भर्ती पर ध्यान न देकर जिलों के नाम बदलने और मूर्तियाँ आदि तुडवाने में लगी है. शायद सरकार इसी तरह युवाओं को तारीख पर तारीख देती रहेगी.
सोमवार को सुनवाई में अपर अधिवक्ता की तरफ से जो दस्तावेज प्रस्तुत किए गए, उन्हे कोर्ट ने यह कहते हुए नकार दिया कि सरकार पहले अध्यापक सेवा नियमावली में आवश्यक संशोधन करे। कोर्ट इन संशोधनों की जांच करने के बाद ही अपना निर्णय देगा।
विदित रहे सरकार जहां टीईटी को सिर्फ अर्हता परीक्षा करार देकर शैक्षिक प्रमाण पत्रों के आधार पर भर्ती कराना चाह रही हैं वहीं टीईटी मेरिट में स्थान बनाने वाले अभ्यर्थी चाहते हैं कि भर्ती से पूर्व निकाले गए विज्ञापन के मुताबिक ही की जाए। इसमें टीईटी को पात्रता परीक्षा माना गया था। बहरहाल, राज्य सरकार की मंशा, अध्यापक सेवा नियमावली सहित भर्ती के विज्ञापन में संशोधन के बाद ही पूरी हो सकेगी। कोर्ट ने भी सोमवार की सुनवाई में राज्य सरकार को नियमावली संशोधन के बाद अपनी बात कहने के आदेश दिए हैं। अब टीईटी उत्तीर्णो के भाग्य का फैसला आगामी 27 अगस्त को ही हो सकेगा।
आपका साथी
महताब सिंह सत्यार्थी
फफूंद औरैया (उ.प्र. )
सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. और साथ ही साथ नन्हें बच्चों के भविष्य साथ खिलवाड़ कर रही है. सरकार बदले की भावना से कार्य कर रही है. अगर सरकार चाहती तो अब तक ये भर्ती हो चुकी होती, सरकार शिक्षक भर्ती पर ध्यान न देकर जिलों के नाम बदलने और मूर्तियाँ आदि तुडवाने में लगी है. शायद सरकार इसी तरह युवाओं को तारीख पर तारीख देती रहेगी.
सोमवार को सुनवाई में अपर अधिवक्ता की तरफ से जो दस्तावेज प्रस्तुत किए गए, उन्हे कोर्ट ने यह कहते हुए नकार दिया कि सरकार पहले अध्यापक सेवा नियमावली में आवश्यक संशोधन करे। कोर्ट इन संशोधनों की जांच करने के बाद ही अपना निर्णय देगा।
विदित रहे सरकार जहां टीईटी को सिर्फ अर्हता परीक्षा करार देकर शैक्षिक प्रमाण पत्रों के आधार पर भर्ती कराना चाह रही हैं वहीं टीईटी मेरिट में स्थान बनाने वाले अभ्यर्थी चाहते हैं कि भर्ती से पूर्व निकाले गए विज्ञापन के मुताबिक ही की जाए। इसमें टीईटी को पात्रता परीक्षा माना गया था। बहरहाल, राज्य सरकार की मंशा, अध्यापक सेवा नियमावली सहित भर्ती के विज्ञापन में संशोधन के बाद ही पूरी हो सकेगी। कोर्ट ने भी सोमवार की सुनवाई में राज्य सरकार को नियमावली संशोधन के बाद अपनी बात कहने के आदेश दिए हैं। अब टीईटी उत्तीर्णो के भाग्य का फैसला आगामी 27 अगस्त को ही हो सकेगा।
आपका साथी
महताब सिंह सत्यार्थी
फफूंद औरैया (उ.प्र. )